चार्ली चैप्लिन- खुशियों का जादूगर

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 चार्ली चैप्लिन- खुशियों का जादूगर
16 Apr 2022
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"ज़िन्दगी करीब से देखने में एक त्रासदी है, लेकिन दूर से देखने पर एक कॉमेडी" - चार्ली चैप्लिन की इस बात में कितनी गंभीरता छिपी है, ये हर कोई समझ नहीं सकता। वह एक ऐसी बेबाक हस्ती थे, जो रोती ज़िंदगियों को भी आसानी से मुस्कान से भर देते थे। उनका मानना था कि निराशा के परे एक खिड़की होती है जहां आशा का चिराग़ महफ़ूज़ होता है, निराशा के तूफान में वो बस नज़र नहीं आता। अगर हम चार्ली चैपलिन को मात्र एक हास्यकार कहेंगे तो ये हमारी भूल होगी, वो हंसी के उस स्तर से बहुत आगे निकल चुके थे जहां हंसी सिर्फ़ खुशी का कारण बनकर रह जाती है, या यूँ कहें कि हंसी की सतह के नीचे चैपलिन ने अपने सारे ग़मों दबा दिया था। आज चार्ली चैप्लिन की जयंती पर हम उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में चर्चा करेंगे। 

चार्ली चैपलिन 16 अप्रैल 1889 को पैदा हुए थे और उनका पूरा नाम 'सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन' Sir Charles Spencer Chaplin  था। उनके माता और पिता दोनों ही कलाकार थे, इसीलिए उनका रूझान भी इसी तरफ था। चार्ली जब तीन साल के थे, तो उनके माता-पिता ने अपने रास्ते अलग कर लिए थे। हालांकि, अपने माता-पिता से ही इन्होंने गाना सीखा। अक्सर  एक किस्से का ज़िक्र किया जाता है कि एक बार स्टेज़ में चार्ली की मां शो कर रही थी और तभी अचानक उनकी मां की तबियत खराब हो गयी, ऐसे में पांच वर्ष के चार्ली ने स्टेज में समां बांध दिया। चार्ली स्टेज़ पर कोई अभिनय नहीं कर रहे थे, बल्कि अपने दुखों का इज़हार कर रहे थे, पर लोग उनकी बातों पर हंसते गये। और इसीलिए शायद चार्ली ने अपने अभिनय में ग़म ही खरीदे ताकि ख़ुशियों का व्यापार कर सके। अगर हम चार्ली चैपलिन को मात्र एक हास्यकार comedian कहेंगे तो ये हमारी भूल होगी, वो हंसी के उस स्तर से बहुत आगे निकल चुके थे जहां हंसी सिर्फ़ खुशी का कारण बनकर रह जाती है, या यूँ कहें कि हंसी की सतह के नीचे चैपलिन ने अपने सारे ग़मों दबा दिया था। आज चार्ली चैप्लिन की जयंती पर हम उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में चर्चा करेंगे। 

चार्ली चैपलिन का जन्म लंदन में हुआ था, लेकिन थिएटर में रुचि  interest in theater होने के चलते मात्र 15 साल की उम्र में ही उन्होंने कई देशों को घूम लिया था। 19 साल की उम्र में चार्ली को एक लड़की से एक तरफ़ा प्यार हुआ लेकिन जब वहां भी ग़म मिला, तो चार्ली ने उस ग़म को भी अपने ज़हन में सहेज कर रख लिया। आपको बता दें कि चार्ली ने तीन शादियां की थी। उनकी ज़िंदगी का शुरूआती दौर मुफ़लिसी के आशियाने में गुज़रा लेकिन बाद में चार्ली अमेरिकी सिनेमा  American cinema  और क्लासिकल हॉलीवुड classical hollywood का जाना-माना नाम बन गये। इसके अलावा, दोनों विश्व युद्ध भी चार्ली के सामने ही हुए, एक का दर्द तो उन्होंने अपनी फ़िल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' 'The Great Dictator' में भी उतारा है। 

40 वर्षों तक लगातार उन्होंने थिएटर किया। उनकी मनोरंजक छवि के चर्चे उनके प्रशंसक खूब किया करते थे और आज भी करते हैं। अपनी आत्मकथा (मेरा जीवन: चार्ली चैप्लिन) Autobiography (My Life: Charlie Chaplin)  में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि 'जीवन का सबसे ख़ुशनुमा पल अमेरिका जाकर बसना था', लेकिन धीरे-धीरे खुली हवा की तलाश और बढ़ते सवालों ने उन्हें स्विटज़रलैंड आकर रहने पर मजबूर कर दिया। 

आपको बता दें कि चार्ली चैपलिन ने बचपन में नाई की दुकान पर भी काम किया था, हालांकि, अपनी आत्मकथा में उन्होंने इस बात का कोई ज़िक्र नहीं किया। लेकिन इससे चार्ली को ये फ़ायदा हुआ कि वो अपनी प्रसिद्ध फ़िल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' में यहूदी नाई Jewish hairdresser का चरित्र बख़ूबी निभा सके। 

1972 में चार्ली चैपलिन को उनके अभिनय और संगीत के लिए ऑस्कर पुरस्कार Oscar Award से भी नवाजा गया। इसके साथ ही, 1952 में आई फ़िल्म 'लाइमलाइट' के लिए उन्हें ऑस्कर भी मिला था। 

जहां 25 दिसंबर 1977 के दिन पूरी दुनिया क्रिसमस की खुशियां मना रही थी, तभी ये महान अभिनेता (चार्ली चैप्लिन) हमारे जहान से, हमारे बीच से, हम सबको अलविदा कह कर चले गए। 

'द ग्रेट डिक्टेटर' से शुरू हुआ सवाल 

ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि जब चार्ली ने अपनी फ़िल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' पर काम करना शुरू किया तो अडोल्फ़ हिटलर Adolf Hitler का मज़ाक उड़ाती इस फ़िल्म की सफ़लता को लेकर उनके मन में गंभीर संशय थे। वो अपने दोस्तों से लगातार पूछा करते थे, कि क्या मुझे इस फ़िल्म को बनाना चाहिये या नहीं? हिटलर को कुछ हो गया तो? या जाने कैसे हालात बनें? तब उनके प्रिय मित्र डगलस फ़ेयरबैंक्स Douglas Fairbanks  ने उनसे कहा,  तुम्हारे पास कोई और विकल्प नहीं है चार्ली! उन्होंने यह भी कहा कि ये मानव इतिहास की सबसे चमत्कारिक घटना होने जा रही है जब दुनिया का सबसे बड़ा खलनायक और दुनिया का सबसे बड़ा मसखरा, दोनों एक जैसे दिखें। 

चार्ली चैप्लिन 10 बेस्ट कॉमेडी फिल्में 

'मॉडर्न टाइम्स' (Modern Times) 

'द किड' (The Kid) 

'ए डेज प्लेजर' (A Day's Pleasure) 

'द ग्रेट डिक्टेटर' (The Great Dictator) 

'चैपलिन' (Chaplin) 

'ए डॉग्स लाइफ' (A Dog's Life)

'द सर्कस' (The Circus) 

'द इमिग्रेंट' (The Immigrant) 

'द बैंक' (The Bank) 

'सनीसाइड' (Sunnyside) 

अगर चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) को साइलेंट मूवी का बादशाह भी कहेंगे तो गलत नहीं होगा। चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) की ये मजेदार हास्य फिल्में आपको यूट्यूब पर आसानी से देखने को मिल जाएंगी, इन्होने कई तरह के किरदार निभाए,।  चार्ली एक बेहतरीन निर्देशक ,प्रोडूसर ,वॉइस ओवर आर्टिस्ट ,स्क्रीप्ट राइटर, प्रोडक्शन मैनेजर और बहुत कुछ थे, वे अपने आप में पूरा एक प्रोडक्शन हाउस थे।  1919,में चैपलिन ने कंपनी यूनाइटेड आर्टिस्ट्स United Artists की सह-स्थापना की, जिसने उन्हें अपनी फिल्मों पर पूर्ण नियंत्रण दिया। 1966 में शूट की गई उनकी आखिरी फिल्म, "ए काउंटेस फ्रॉम हॉन्ग कॉन्ग" में मार्लन ब्रैंडो और सोफिया लॉरेन हैं।

चार्ली चैपलिन को दुनियां भर के कलाकार चाहे वो कला के किसी भी क्षेत्र से हो विशेषकर अभिनय और निर्देशन के क्षेत्र से जुड़े लोग अपना आदर्श मानते है और उनकी फिल्मे देख कर सीखते है। बहुत से बड़े एक्टर्स जैसे इंडिया में मशहूर अभिनेता राजकपूर Raj Kapoor जिनकी प्रसिद्ध फिल्म "मेरा नाम जोकर " Meera Naam Jokar चार्ली चैपलिन से ही प्रभावित थी और उनका पूरा किरदार ,पहनावा ,अंदाज़ सब उन्ही की याद दिलाता था। और ये फिल्म भारत में सुपरहिट रही। ऐसे न जाने कितने महान अभिनेताओं के प्रेरणा स्रोत थे चार्ली। चार्ली का नाम रहती दुनियां तक सिनेमा जगत में एक सूरज के तरह चमकता रहेगा। चार्ली का नाम लेते हे हमारे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है सच में यो हँसी के जादूगर थे। 

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