व्यवसाय की कोई उम्र नहीं होती
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अक्सर भविष्य के बीज बचपन से ही बच्चों के मन में पनपने लगते हैं। उनकी कल्पनाओं में अलग-अलग किरदार जन्म लेने लगते हैं। कोई डॉक्टर बनना चाहता है, तो कोई इंजीनियर। कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो कहते हैं कि वे बड़े होकर व्यवसाय करेंगे। और अगर उनसे पूछा जाए कि वे क्या व्यवसाय करेंगे, तो उनके पास ज्यादा जवाब नहीं होते हैं। लेकिन अगर इन बच्चों की उद्यमी बनने की चाह को कम उम्र से ही ठीक दिशा मिले, तो वे जरूर आगे बढ़ सकते हैं।
बच्चे मन के सच्चे, कहते हैं बचपन किसी खाली पेपर की तरह होता है। उस पेपर में वही लिखा होता है, जो वो दुनिया में देखता है। बच्चे हमेशा अपने बड़ों से अपने आस पास के माहौल से सीखते रहते हैं और वही सब क्रियाएं करते हैं, जो उन्होंने सीखी हैं।
अक्सर भविष्य के बीज बचपन से ही बच्चों के मन में पनपने लगते हैं। उनकी कल्पनाओं में अलग-अलग किरदार जन्म लेने लगते हैं। कोई डॉक्टर बनना चाहता है, तो कोई इंजीनियर। कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो कहते हैं कि वे बड़े होकर व्यवसाय करेंगे। और अगर उनसे पूछा जाए कि वे क्या व्यवसाय करेंगे, तो उनके पास ज्यादा जवाब नहीं होते हैं। लेकिन अगर इन बच्चों की उद्यमी बनने की चाह को कम उम्र से ही ठीक दिशा मिले, तो वे जरूर आगे बढ़ सकते हैं।
पढ़ाई बहुत जरूरी है, लेकिन उसके साथ बच्चों का मनोबल और ज्ञान बढ़ना भी बहुत ज्यादा जरूरी है। इसलिए अपने बच्चों को रोकिये नहीं, बल्कि उन्हें सिखाइये कि वे कैसे पढ़ाई और अपने बिज़नेस के बीच टाइम मैनेज कर सकते हैं। कैसे वे पढ़ाई के साथ-साथ, अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं। क्योंकि अगर बच्चे कम उम्र से ही टाइम मैनेजमेंट सीख लें, तो उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। इसलिए अगर आपके बच्चे के दिमाग में है कोई व्यवसाय का विचार, तो उस पर भरोसा दिखाएँ और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि 18 साल की उम्र से कम के बच्चे कैसे अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं? उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस लेख में हम इन्हीं सवालों का जवाब देंगे।
1. व्यवसाय विचार पर कैसे करें काम :-
जरूरी नहीं कि आप कुछ नया ही करें। आप उन चीजों पर भी काम कर सकते हैं, जो पहले से मौजूद हैं। आपको बस इन्हें और बेहतर तरीके से और एक अलग ढंग के साथ लोगों तक पहुँचाना आना चाहिए। जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम, दोनों ही सोशल मीडिया है, लेकिन फिर भी एक-दूसरे से अलग हैं। इसी तरह आप कुछ अलग सोचें, जिसकी लोगों को जरूरत है। दूसरी जरूरी बात यह है कि आप अपनी रूचि और दिलचस्पी के हिसाब से भी व्यवसाय के विचार पर काम कर सकते हैं।
बहुत से बच्चों को बेकिंग या कुकिंग का शौक होता है, तो वे अपने घर से ही काम शुरू कर सकते हैं। कई लोग आर्ट एंड क्राफ्ट में अच्छे होते हैं, तो वे अलग-अलग तरह के सजावट उत्पाद बना सकते हैं। बस आप जिस विचार पर काम कर रहे हैं, उसमें आपको 100% विश्वास होना चाहिए कि यह काम करेगा।
2. फंडिंग के लिए करें प्रयास :-
शुरूआती निवेश के लिए बच्चों को सबसे पहले अपने माता-पिता पर ही निर्भर रहना पड़ता है। जैसे उनके व्यवसाय विचार को उनके माता-पिता ने ही सपोर्ट किया और उसमें निवेश किया। लेकिन माता-पिता के अलावा भी, आपकी अपनी जाननेवालों में ऐसे बहुत से लोग हो सकते हैं, जो आपकी मदद करें। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप अपने विचार को अच्छे से लोगों के सामने रखें। पहले आप खुद तय करें कि आपका व्यवसाय मॉडल क्या होगा और इसके बाद, आप लोगों से निवेश के लिए संपर्क करें। साथ ही, शुरुआत में कम से कम लागत में काम करने की कोशिश करें।
3. कैसे होगा रजिस्ट्रेशन :-
हम सब जानते हैं कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के नाम पर व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन होना मुमकिन नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप व्यवसाय शुरू नहीं कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन करने के लिए यह भी जरुरी है कि आप किस चीज का व्यवसाय कर रहे हैं और किस स्तर पर कर रहे हैं? जैसे अगर बाजार में पहले से उपलब्ध चीजों को ही एक अलग तरह से ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं और आपका काम छोटे स्तर पर है, तो जरूरी नहीं कि आप शुरुआत में रजिस्ट्रेशन करें।
अगर आपकी उम्र 18 साल से कम है, तो माता-पिता के नाम से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसी तरह खाद्य व्यवसाय के लिए भी किसी वयस्क यानी 18 साल से ऊपर की उम्र के व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्रेशन कराकर, बच्चे अपना काम शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप बड़े स्तर पर काम करना चाहते हैं, तो अच्छा होगा कि आप किसी विशेषज्ञ से सलाह-मशविरा कर लें।
4. मार्केटिंग के लिए रखें इन बातों का ध्यान :-
सबसे अच्छी मार्केटिंग तब होती है जब लोग एक-दूसरे को आपके व्यवसाय के बारे में बताते हैं। आपको मौखिक रूप से अपने ग्राहकों से जुड़ने का मौका मिलता है। आप सोशल मीडिया का भी बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे पहले देखें कि आप किन लोगों के लिए सामान बना रहे हैं और उन्हीं पर ध्यान केंद्रित करें।
5. पढ़ाई के साथ साथ कैसे कर सकते हैं व्यवसाय :-
बच्चों के आइडियाज को सपोर्ट न करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण होता है कि माता-पिता उनकी पढ़ाई को लेकर चिंतित होते हैं। लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद, शिल्पकारी और अपना कोई काम करने जैसी गतिविधियां भी बहुत जरूरी हैं। अगर आप भविष्य में किसी अच्छे संस्थान से पढ़ना चाहते हैं, तो इन गतिविधियों के लिए मिले आपके सर्टिफिकेट काफी मददगार होते हैं। इसके अलावा, पढ़ाई से अलग कुछ करके अपनी पहचान बनाने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
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