दिल्ली में हर महीने 6000 वाहन किए जा रहे स्क्रैप, बढ़ा कारोबार
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देश की राजधानी दिल्ली Capital delhi में हर महीने 6000 वाहनों Vehicles को स्क्रैप scrap में बदला जा रहा है। अपना समय और मियाद पूरी करने वाले वाहनों का पंजीकरण रद्द Deregistration होने से स्क्रैप कारोबार में कई गुना इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है। वाहनों के स्क्रैप कारोबार scrap business में पिछले एक साल में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फिलहाल दिल्ली की अधिकृत स्क्रैप एजेंसियों authorized scrap agencies के पास हर महीने करीब 6000 वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है। इनमें 75 फीसदी दोपहिया वाहन two wheelers हैं। दिल्ली में पिछले चार वर्षों में 53.38 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया। इस साल 50,25,447 वाहनों को डी रजिस्टर किया गया।
इन वाहनों को अब न तो सड़क पर चलने की इजाजत है और न ही सड़क या गलियों में खड़ा कर सकते हैं। एक स्क्रैप एजेंसी के मालिक यश अरोड़ा Yash Arora के मुताबिक, वाहनों के स्क्रैप कारोबार में पिछले एक साल में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। हर महीने औसतन छह हजार वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है। इनमें 75 फीसदी से अधिक पेट्रोल वाहन petrol vehicle हैं। अरोड़ा के अनुसार, प्रदूषण पर शिकंजा screws on pollution कसने के लिए एनजीटी की सख्ती strictness of NGT का असर अब नजर आने लगा लगा है।
फिलहाल डी रजिस्टर किए गए 60-70 फीसदी वाहनों को पहले ही निजी स्क्रैपर को दे दिया गया या दूसरे राज्यों में चल रहे हैं। पिछले चार वर्षों में स्क्रैप किए जाने वाले 53.38 लाख वाहनों में 46.98 लाख यानी करीब 88 फीसदी पेट्रोल वाहन हैं। वाहनों की संख्या में हुई कमी से दिल्ली के प्रदूषण में काफी कमी होने की उम्मीद है।