31 हजार साल पहले धरती पर इस महिला का था निवास, जानें कैसे लगा पता?
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आपके जहन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि कि 31 हजार साल पहले धरती Earth पर रहने वाली किसी महिला Woman की तस्वीर कैसे ली जा सकती है?, लेकन यह सच है। ये कारनामा विज्ञान Science से मुमकिन हुआ है। आइए जानते हैं इस तस्वीर की कहानी और समझते हैं कि हजारों साल पहले धरती पर रहने वाली महिला के बारे में कैसे पता चला। ये बात साल 1881 की है। पुरातत्वविदों Archaeologists ने एक गुफा Cave में दफन एक मानव की खोपड़ी Human Skull का पता लगाया था। यह जगह अब चेक गणराज्य Czech Republic में एक गांव है। उस समय रिसर्चर्स Researchers ने खोपड़ी को लगभग 31,000 साल पहले का बताया और कहा कि यह एक पुरुष था। हालांकि नई स्टडी बताती है कि रिसर्चर्स पाषाण युग Stone Age के उस शख्स के बारे में गलत थे। 140 से अधिक साल बाद रिसर्चर्स ने उस गलती को ठीक किया है।
बताया है कि वह खोपड़ी 17 साल की एक महिला की थी। यह महिला अपर पुरापाषाण काल यानी लगभग 43,000 से 26,000 वर्ष के बीच धरती पर रहती थी। टीम ने ‘द फॉरेंसिक फेशियल अप्रोच टू द स्कल म्लादेस 1' The Forensic Facial Approach to the Skull Mlades 1 नाम की एक नई ऑनलाइन किताब new online book के रूप में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं। इसमें बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने ‘यूरोप में पाए जाने वाले सबसे पुराने होमो सेपियन्स Homo sapiens में से एक' के लिंग को कैसे पुनर्वर्गीकृत किया। ब्राजील Brazil के ग्राफिक्स विशेषज्ञ और पुस्तक के सह-लेखकों में से एक सिसेरो मोरेस Cicero Moraes ने लाइव साइंस Live Science को कहा कि जब खोपड़ी का विश्लेषण किया गया था, तो उसने एक पुरुष की ओर इशारा किया था। बाद के अध्ययनों में और अन्य लोगों के साथ खोपड़ी की तुलना की गई, तो पता चला कि खोपड़ी एक महिला की है। मोरेस और उनकी टीम ने खोपड़ी का पुनर्निर्माण किया।
टीम ने आधुनिक मनुष्यों के लगभग 200 सीटी स्कैन और यूरोपीय CT scan and European, अफ्रीकी और एशियाई African and Asian समेत विभिन्न जनसंख्या समूहों से संबंधित सांख्यिकीय डेटा Statistical data का उपयोग किया। तकनीक की मदद से उस खोपड़ी को एक शक्ल के रूप में तैयार किया गया। इस तरह खोपड़ी की डिजिटल इमेज Digital image बनकर तैयार हुई। ध्यान रहे कि चेहरे को आधुनिक मनुष्यों के डेटा के हिसाब से तैयार किया गया। ऐसे में खोपड़ी की कई चीजें एकदम समान नहीं हो सकती हैं।