Gautam Adani: एशिया और भारत Asia and India के सबसे रईस शख्स गौतम अडानी Gautam Adani के लिए देश के दिग्गज मीडिया कंपनी नई दिल्ली टेलीवीजन लिमिटेड New Delhi Television Ltd. यानी एनडीटीवी NDTV को खरीदने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। मार्केट रेगुलेटर सेबी Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी (NDTV) में 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी की खरीद के लिए अडानी ग्रुप Adani Group को खुली पेशकश लाने की मंजूरी प्रदान कर दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक, बाजार नियामक ने एनडीटीवी में 26 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी लेने के लिए 492.81 करोड़ रुपए की प्रस्तावित पेशकश पर गत 7 नवंबर को फाइनल कमेंट्स दे दिया है।
यह खुली पेशकश 22 नवंबर को खुलेगी और 5 दिसंबर को बंद हो जाएगी। एनडीटीवी की तरफ से हाल में शेयर बाजार Stock Markets को दी गई जानकारी के अनुसार खुली पेशकश के लिए 294 रुपए प्रति शेयर की कीमत तय की गई है। गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी ग्रुप ने गत अगस्त में विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड Vishwa Pradhan Commercial Private Limited (VCPL) का अधिग्रहण करने का ऐलान किया था। वीसीपीएल VCPL ने एनडीटीवी के संस्थापकों को एक दशक पहले 400 करोड़ रुपए से अधिक राशि कर्ज के तौर पर दी थी। इस कर्ज के एवज में ऋणदाता को किसी भी समय एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने का प्रावधान रखा गया था।
अडाणी ग्रुप के हाथों अधिग्रहण के बाद वीसीपीएल ने 17 अक्टूबर को ऐलान किया था कि वह एनडीटीवी के अल्पांश शेयरधारकों से अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश लाएगी। वहीं वीसीपीएल के साथ एएमजी मीडिया नेटवर्क्स AMG Media Networks और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड Adani Enterprises Limited यह 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेंगे। खुली पेशकश के तहत 294 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर 1.67 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी। पूर्ण अभिदान मिलने की स्थिति में इस खुली पेशकश का आकार 492.81 करोड़ रुपए होगा।
अगर ये पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाता है, तो अडानी ग्रुप की NDTV में टोटल हिस्सेदारी 55.18 फीसदी हो जाएगी। इसका सीधा मतलब यह होगा कि एनडीटीवी के बोर्ड Board of NDTV पर अडानी ग्रुप का कंट्रोल हो जाएगा। अभी एनडीटीवी में प्रमोटर प्रणव रॉय और राधिका रॉय Prannoy Roy and Radhika Roy की 32 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है।