करसनभाई पटेल- भारतीय उद्योगपति और निरमा समूह के संस्थापक

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करसनभाई पटेल- भारतीय उद्योगपति और निरमा समूह के संस्थापक
01 Jun 2022
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करसनभाई पटेल, निरमा समूह के संस्थापक की सफलता ने यह साबित कर दिया कि यदि कोई भी व्यक्ति एक लक्ष्य बनाकर कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़े तो उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसे ही देश के एक बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं करसन भाई पटेल। करसन भाई ने लोगों की जरूरतों को समझकर ऐसा प्रोडक्ट लोगों के सामने पेश किया जो आज पूरे भारत में फ़ैल गया है। वो है उनका निरमा वाशिंग पाउडर Nirma washing powder जिसे उन्होंने घर-घर जाकर बेचना शुरू किया था। करसनभाई पटेल ने 1969 में वाशिंग पाउडर ‘निरमा’ की शुरूआत की थी। आज देश के कोने-कोने में लोग निरमा वाशिंग पाउडर का उपयोग करते हैं। करसन पटेल ने वाशिंग पाउडर के पैकेट पर अपनी बेटी की तस्वीर छाप कर उसे हमेशा के लिए अमर कर दिया। विज्ञापन की जिंगल ‘सबकी पसंद निरमा’ आज घर-घर में लोकप्रिय है। देखते ही देखते ‘निरमा’ एक ऐसा ब्रांड बन गया कि कोई और वाशिंग पाउडर ब्रांड उसके आसपास भी नहीं था।

कई बार हमारे सामने यदि कोई समस्या आती है तो हम टूट जाते हैं और परेशान हो जाते हैं। यहाँ तक कि हम उस परेशानी के बारे में सोचकर जीना भी छोड़ देते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो टूटते बिखरते नहीं हैं बल्कि उसके बाद जीवन को और भी मजबूत बना देते हैं। वो विपरीत परिस्थितियों में अपने को संभाल लेते हैं और फिर एक दिन दुनिया से कुछ अलग करके मशहूर हो जाते हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं करसन भाई पटेल Karsanbhai Patel, जिन्होंने बेटी की मौत के बाद भी खुद को संभाला और विपरीत परिस्थितियों से निकलकर अपनी सोच, सच्ची लगन, मेहनत और जज्बे से अपने सपनों और अपनी मंजिल को हासिल करके आसमान की बुलंदियों को छुआ है। आज वह इंसान देश के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। वह एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और निरमा समूह के संस्थापक Famous Indian Industrialist and Founder of Nirma Group हैं। उनकी सफलता का सफरनामा आज पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल है। उनका ब्रांड निरमा “Nirma” आज घर-घर में मशहूर है। चलिए जानते हैं उनकी इस प्रेरणादायक सफलता की कहानी के बारे में कि कैसे वह एक सामान्य इंसान से प्रसिद्ध उद्योगपति बने। 

करसन पटेल - प्रारंभिक जीवन 

करसनभाई पटेल का जन्म 13 अप्रैल 1944 को गुजरात Gujarat स्थित मेहसाना में एक किसान के परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा की बात करें तो उनकी शुरुआती शिक्षा मेहसाना के स्थानीय स्कूल में हुई। उन्होंने 21 वर्ष की आयु में स्नातक बी.एस.सी केमेस्ट्री Bachelor B.Sc Chemistry से की। स्नातक करने के बाद उन्होंने अहमदाबाद Ahmedabad में न्यू कॉटन मिल्स में लैब अस्सिस्टेंट के पद पर अपनी नौकरी करनी शुरू की। फिर कुछ समय के बाद नौकरी छोड़कर गुजरात सरकार के खनन एवं भूविज्ञान विभाग Department of Mining and Geology, Government of Gujarat में नौकरी करनी शुरू की। 

करसन पटेल ने बेटी के नाम से शुरू की कंपनी

करसन पटेल की बेटी का नाम निरुपमा Nirupama था और वह अपनी बेटी को बहुत प्यार करते थे। उसे सभी प्यार से निरमा Nirma बुलाते थे। करसनभाई ने अपनी बेटी को एक कार दुर्घटना में खो दिया था। करसन पटेल उस वक्त बहुत दुखी हो गए थे। अब वह अपनी बेटी को अपने ब्रांड के माध्यम से अमर बनाना चाहते थे। वह चाहते थे कि एक दिन उनकी बेटी का नाम पूरा देश जाने। बस इसी सोच के साथ करसन पटेल ने अपनी बेटी के नाम पर वाशिंग पाउडर washing powder बनाना शुरू किया। करसन पटेल साइंस से ग्रेजुएट थे इसलिए वाशिंग पाउडर बनाना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं था। करसनभाई पटेल ने सोडा ऐश और कुछ अन्य सामग्री को मिलाकर एक अच्छा डिटर्जेंट फॉर्मूला बनाया। उस फॉर्मूले का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने अपने घर में ही डिटर्जेंट बनाना शुरू किया। बस फिर साल 1969 में वाशिंग पाउडर ‘निरमा’ की शुरूआत की। यह उत्पाद करसनभाई के दिल के बेहद करीब था, इसलिए उन्होंने इसे ‘निरमा’ Nirma नाम देने का फैसला किया। करसन पटेल ने वाशिंग पाउडर के पैकेट पर अपनी बेटी की तस्वीर छाप कर उसे हमेशा के लिए अमर कर दिया जो आज तक वैसी की वैसी है। उन्होंने डिटर्जेंट पैक और टीवी विज्ञापनों में सफेद फ्रॉक में लड़की को अपनी बेटी के रूप में अमर कर दिया और आज तक उसे कोई भी भूला नहीं है। एक पिता का अपनी बेटी के लिए प्यार देश का पसंदीदा ब्रांड बन गया।

घर-घर निरमा बेचने वाले बने अरबों के मालिक

अहमदाबाद के रहने वाले करसन भाई ने अपने घर में ही निरमा पाउडर बनाने की शुरुआत की थी। उस वक्त यह काम करसन भाई खुद ही करते थे इसलिए माल तैयार होने के बाद इसे बेचने की अब मुख्य समस्या थी। करसन भाई ने हिम्मत नहीं हारी और खुद ही अपना माल लेकर लोगों के घर-घर पहुंचाने लगे। करसन पटेल अपनी नौकरी में से कुछ वक्त निकालकर अपने घर के पीछे सर्फ बनाते थे और फिर घर-घर जाकर सर्फ बेचते थे। 

करसन भाई ने हिम्मत की और खुद ही अपना माल लेकर लोगों के घर-घर पहुंचाने लगे। वह सर्फ बेचने साईकिल पर जाते थे। 

सधी हुई मार्केटिंग रणनीति Marketing Strategy

सस्ता और अच्छा होने के कारण गरीब और निम्न मध्यवर्गीय परिवार उनसे सर्फ खरीदने लगे। उनके माल की लोकप्रियता कैसे बढ़े इसलिए उन्होंने एक तरकीब निकाली। तरकीब यह थी कि वह अब निरमा के हर पैकेट पर कपड़े साफ न होने पर पैसे वापस करने की गारंटी देने लगे।

इससे लोगों में इनके पाउडर के प्रति भरोसा बढ़ गया और फिर लोग इनके माल को खरीदने लगे। उन्होंने एक और रणनीति strategy का इस्तेमाल किया। इसके लिए करसन पटेल बहुत ही कम कीमत अपना पाउडर बेचने लगे जिससे उनका माल और तेजी से बिके। उस वक्त जब सबसे सस्ता वाशिंग पाउडर 13 रुपए प्रति किलो था तब उन्होंने अपना पाउडर सिर्फ तीन रुपए प्रति किलो ही बेचा। उन्हें पता था कि लोग उस प्रॉडक्ट पर जल्दी भरोसा कर लेते हैं जो अच्छा, सस्ता और टिकाऊ हो। बस उनका यही फार्मूला काम कर गया। फिर उनका बिज़नेस बढ़ता और बढ़ता चला गया। आज उनका ब्रांड निरमा देश का जाना पहचाना ब्रांड Nirma is a well-known brand of the country है। और आज वह अरबों के मालिक हैं। फोर्ब्स के अनुसार, एक साल में आठ लाख टन निरमा डिटर्जेंट बिकता है।

सरकारी नौकरी छोड़कर अपना व्यवसाय शुरू किया

करसन भाई एक ऐसे उद्योगपति हैं जिनका बचपन गरीबी में बीता लेकिन इसके बावजूद भी वह अपनी सोच और मेहनत से आज एक ऐसी बुलंदी पर हैं जहाँ पहुँचना हर कोई चाहता है। माना जाता है कि कारोबार किसी भी गुजराती के खून में होता है। इन्होंने 1969 में वाशिंग पाउडर 'निरमा' शुरू किया। निरमा लोगों से इस कदर जुड़ा है कि आज भी लोग यदि किसी भी जनरल स्‍टोर पर जाते हैं तो वाशिंग पाउडर की जगह पर निरमा ही माँगते हैं। करसनभाई पटेल ने सरकारी नौकरी छोड़कर अपना व्यवसाय शुरू किया और सफलता की कहानी लिख डाली। क्योंकि नौकरी के कारण करसन पटेल को अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा था और उन्हें अपने ऊपर पूरा भरोसा था कि उनका व्यापार ज़रूर आगे बढ़ेगा। बस इसी सोच के साथ करसन पटेल ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से सर्फ बनाने के बिजनेस में उतर गए। करसन भाई ने बेटी की तरह निरमा ब्रांड का पालन-पोषण किया तभी जाकर निरमा भारत में सबसे लोकप्रिय डिटर्जेंट ब्रांडों popular detergent brands में से एक है।

सबकी पसंद निरमा बना सबसे बड़ा ब्रांड

उस वक्त वाशिंग पाउडर ‘निरमा’ को पूरे देश में फैलाने के लिए करसन पटेल ने विज्ञापन का सहारा लिया। 90 के दशक में टीवी पर दिखने वाला निरमा वाशिंग पाउडर की आकर्षक जिंगल और निरमा गर्ल Charming Jingle and Nirma Girl को कोई नहीं भूल सकता। विज्ञापन की जिंगल ‘सबकी पसंद निरमा’ घर-घर में लोकप्रिय हो गई। सस्ता और अच्छा होने के चलते जल्द ही पूरे देश में ‘निरमा’ वाशिंग पाउडर खरीदने वालों की संख्या बढ़ गई। उस विज्ञापन ने भी इस ब्रांड को ऊँचाई तक पहुँचाया है और उस वक्त वह विज्ञापन और ब्रांड लोगों में लोकप्रिय हो गया था। एक बार करसन पटेल ने मार्किट में डिमांड बढ़ने पर सप्लाई रोक दी थी। लोग जब इसे खरीदने जाते तो उन्हें सर्फ नहीं मिलता था। उस समय मार्किट में इसकी डिमांड बहुत अधिक थी। इसके बाद जब करसन पटेल ने मार्किट में निरमा की सप्लाई की तो लोगों में इसे खरीदने की ऐसी होड़ मची कि यह उस साल निरमा भारत में सबसे अधिक बिकने वाला वाशिंग पाउडर best selling washing powder in India बन गया। देखते ही देखते ‘निरमा’ एक ऐसा ब्रांड बन गया कि कोई और वाशिंग पाउडर ब्रांड उसके आसपास भी नहीं था। करसनभाई पटेल ने अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी  कंपनी की पहचान बनाने के लिए सबसे पहले बांग्लादेश में एक joint venture की स्थापना की। उसके बाद चीन, अफ्रीका तथा एशियाई देशों में भी अपने कंपनी का विस्तार किया। आज ये Nirma Group Of Companies बन चुका है जिसमे 8000 से ज्यादा कर्मचारी, 400 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर और 2 लाख से ज्यादा डीलर्स जुड़े हुए है। उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि आज इसकी साबुन बाजार में हिस्सेदारी करीब 20% और डिटर्जेंट पाउडर के क्षेत्र में 35% की है। 

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4.9 अरब डॉलर की संपत्ति 

किसी समय अपने घर से सर्फ बेचने का काम शुरू करने वाले करसन पटेल आज देश के सबसे अमीर लोगों में शुमार one of the richest people हैं। 2010 में, देश ने उन्हें पद्म श्री Padma Shri से सम्मानित किया। निरमा समूह अब सीमेंट, डिटर्जेंट, साबुन और सौंदर्य प्रसाधन जैसे प्रमुख व्यवसायों में विलय हो गया है। फोर्ब्स के अनुसार, करसनभाई पटेल की कुल संपत्ति 2021 में 4.9 बिलियन डॉलर है। करसनभाई पटेल का सफल व्यवसाय अब उनके बेटों राकेश पटेल और हिरेनभाई पटेल Rakesh Patel and Hirenbhai Patel के हाथों में सुरक्षित है। आज भी यह दुनिया का सबसे बड़ा सोडा ऐश निर्माता बना हुआ है। 

निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी Nirma Institute of Technology

1995 में अहमदाबाद में निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना के साथ, करसनभाई पटेल ने निरमा को एक अलग पहचान दी। ‘निरमा’ ब्रांड ने करसन पटेल की जिंदगी ही बदल डाली। इसके बाद 2003 में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और निरमा यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना भी की। निरमा लैब परियोजना 2004 में उद्यमियों को प्रशिक्षण देने और उन्हें इनक्यूबेट करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।