कैसे तैयार करें व्यवसाय का ढांचा?

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कैसे तैयार करें व्यवसाय का ढांचा?
22 Sep 2021
9 min read

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व्यवसाय शुरू करना एक ज़िम्मेदारी का काम होता है, इसको शुरू करने के पहले जल्दबाज़ी ना करें। काफी सोचने और समझने के बाद ही अपने सपने को व्यवसाय का आकार दें। ताकि आप अपने सपने को वास्तविक दुनिया में जी सकें। व्यवसाय से जुड़ा प्रत्येक पहलू महत्वपूर्ण है, किसी भी तथ्य को नज़रअंदाज करना आपके व्यवसाय के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। अपने व्यवसाय के लिए ढाँचा तैयार करने के बाद ही उस ढांचे में अपने सपने को ढालें।          

मनुष्य हमेशा खुद के लिए एक ऐसे परिवेश की तलाश करता है, जो उसके जीवन को सुखदायी बना सकें। कोशिशें मनुष्य की आकांक्षाओं का प्रतिरूप होती हैं, जो  उन आकाँक्षाओं के लिए उसकी सफलता और असफलता का आधार बनती हैं। कभी-कभी हम इन्हीं इच्छाओं से अपने लिए कुछ नए आयाम ढूंढते हैं जो हमें सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर करते हैं। मनुष्य का आवरण उसकी इच्छाओं के आधार पर बनता है जिसमें मनुष्य की कोशिशें रंग भरती हैं। दुनिया में ऐसे कई व्यक्ति हैं जिनकी कोशिशें रंग लायीं तथा कइयों की कोशिशों अँधेरे में गुम जाते हैं। जिनकी कोशिशें सफल हुईं कहीं न कहीं उसके पीछे उनके द्वारा पहले से की गयी योजनाओं का हाथ रहा है। तथ्य यही कहता है कि व्यक्ति को अपनी और अपनों की जीविका चलाने के लिए एक ऐसे आधार की जरूरत होती है जो उनका कार्य आसान करे। इसके लिए मनुष्य अनेक प्रयत्न करता है। अपने लिए घर भी बनवाते हैं तो पहले उस घर का ढांचा तैयार करते हैं ताकि घर बनते समय में कोई परेशानी सामने ना आये, जिसके कारण उन्हें बीच में घर बनाने के कार्य को रोकना पड़े। इसी तर्ज पर हम अपने व्यवसाय को भी शुरू करते हैं। व्यवसाय शुरू करने से पहले उसको शुरू करने की योजना बनाते हैं ताकि हमें उस व्यवसाय में कोई नुकसान ना हो।  

कई कारणों से नहीं मिलती व्यवसाय में सफलता 

खुद के व्यवसाय को शुरू करने का सपना दुनिया के लगभग प्रत्येक व्यक्ति का होता है। जिसको शुरू करने के लिए व्यक्ति मेहनत करके, नौकरी करके अपनी पूँजी इकट्ठा करता है। ऐसे कई लोग हैं जो इसी प्रक्रिया में अपना व्यवसाय शुरू करते हैं परन्तु सफलता कुछ लोगों को ही मिलती है। इसके अनेक कारण होते हैं जिसका मुख्य कारण है व्यवसाय शुरू करने से पहले उसकी पूर्ण रूप से योजना न बनाना। नतीजन जब हम व्यवसाय शुरू करते हैं तो हम यह समझ नहीं पाते कि किस प्रकार के निर्णय और कदम व्यवसाय के लिए लाभदायक होंगे। 

हम जब कोई भी व्यवसाय शुरू करने की सोचें तो हम पहले उसकी योजना बनाएं, उसके लिए प्रारूप तैयार करें, किस प्रकार के कदम व्यवसाय को आगे बढ़ने में मदद करेंगे उस पर विचार करें। इन विषयों पर सोच-विचार करने के बाद ही कोई योजना बनायें और फिर अपना व्यवसाय शुरू करने पर आपको बहुत कम घाटा होगा।

व्यवसाय शुरू करने से पहले कुछ तथ्यों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।    

व्यवसाय के बारे में शोध करें 

कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उस व्यवसाय के बारे में पूरी तरह शोध करें। यह आवश्यक है कि जिस चीज़ का आप व्यवसाय शुरू करने जा रहे हैं उसके बारे में आपको सब कुछ ज्ञात हो। उस व्यवसाय के लिए क्या-क्या आवश्यक है इसको समझ लें तथा उसके आधार पर योजना को संयोजित करें। एक क्षेत्र में कई लोग प्रतिस्पर्धी के तौर पर मौजूद रहते हैं, आप कोशिश करिये कि किस प्रकार आप ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं, इसके साथ अपनी गुणवत्ता को ध्यान में रखकर योजना बनाएं। ग्राहक के लिए गुणवत्ता आवश्यक होता है।   

व्यवसाय के क्षेत्र सुनिश्चित करना ज़रूरी 

जिस व्यवसाय को आप शुरू करने जा रहे हैं उसकी बाज़ार में कितनी जरूरत है उस पर ज़रूर ध्यान दें। यदि ऐसा नहीं किया जायेगा तो हमारे द्वारा दी जा रही सेवा को लोग नज़रअंदाज कर देंगे, जो हमारे व्यवसाय के लिए उचित वातावरण नहीं। जिस क्षेत्र में आप अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं वहां पर इसकी कितनी जरूरत है उस पर भी अवश्य ध्यान दें। वहां का परिवेश आपके वातावरण के अनुकूल है या नहीं इस बात पर शोध अवश्य कर लें। पता चले जिस इलाके में आपने अपना व्यवसाय शुरू किया वहां पर उसक जरूरत थी ही नहीं, परिणाम स्वरुप आपको बहुत नुकसान हो सकता है।  

पूँजी का सही तरह से करें निवेश 

व्यवसाय शुरू करने के लिए आप पूँजी कहाँ से लगाते हैं उसको सोच के व्यवसाय का प्रारूप तैयार करें। आप कई प्रकार के मिल रही लोन की सुविधा का भी फायदा उठा सकते हैं। पूँजी का आधार मनुष्य के लिए आवश्यक होता है। व्यवसाय शुरू करने से पहले यह बात ज़रूर ध्यान में रखें कि मुश्किल समय के लिए आपके पास कुछ पूँजी सुरक्षित हो, जब आपके व्यवसाय को कुछ नुकसान हो। मनुष्य कर्ज से बचने के लिए वर्षों तक मेहनत करके पैसे इकट्ठा करता है और अपना व्यवसाय शुरू करता है।

वैधानिक रूप से स्थापित करें व्यवसाय 

अपने व्यवसाय को वैधानिक बनाने के लिए उसको शुरू करने से पहले कानूनी तौर पर उसका रजिस्ट्रेशन कराना एक मत्वपूर्ण कदम है, किसी भी व्यवसायी को यह ज़रूर करना चाहिए। इससे आपके व्यवसाय के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा तथा वैधानिक रूप से भी आपके व्यवसाय को कोई खतरा नहीं रहेगा। कई व्यवसायी अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते जिसके कारण उन्हें आगे चलकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

कम्पनी के नाम से खुलवाएं चालू खाता 

जब आप व्यवसाय को शुरू करते हैं, तो उसके द्वारा पैसे आने और जाने दोनों की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। इसके लिए आप कंपनी के नाम से एक चालू खाता ज़रूर खुलवा लें, जिसके द्वारा पैसों का लेन-देन करिये। इससे पैसों के होने वाले हस्तानांतरण का लेखा-जोखा हमेशा पारदर्शी रहेगा। जो आपके लिए और आपके साथियों के लिए भी सही फैसला सिद्ध होगा। व्यवसाय में पारदर्शिता होना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए बैंकों का चुनाव सोच-विचार कर करें। क्योंकि प्रत्येक बैंक चालू खातों पर अलग-अलग सुविधायें देते हैं। आज के समय में ऑनलाइन सुविधा को अपने व्यवसाय से ज़रूर जोड़ें। 

फ़िजूलखर्ची से बचें 

व्यवसाय शुरू करने के बाद जब हमारे पास पैसे आने लगते हैं तो हम यह भूल जाते हैं कि भविष्य की समस्याओं और योजनाओं के लिए हमें उन पैसों को संरक्षित करना चाहिए। हम उन पैसों को फ़िज़ूल खर्च करने लगते हैं, जो कि एक अच्छे व्यवसायी की पहचान नहीं है। खुद को और अपने व्यवसाय को फ़िज़ूल खर्च से दूर रखें, जिसका फायदा आपको भविष्य में होगा। 

कर्मचारियों का करें सम्मान 

किसी भी व्यवसाय के रीढ़ की हड्डी होते हैं, उनके कर्मचारी। कर्मचारी दो हों या कई, प्रत्येक कर्मचारी को समान नजरों से देखना, उनके साथ एक जैसा व्यवहार करना, उनकी ज़रूरतों को ध्यान में रखना, उनकी समस्या को अपना समझना तथा उन्हें अपनत्व का एहसास कराते रहना, यह प्रत्येक व्यवसायी को अपने व्यवहार में रखना चाहिए। यदि कर्मचारी आपके कार्य को अपना समझ के करेंगे तो निःसंदेह आपके व्यवसाय को सिर्फ फायदा ही पहुचायेंगे। व्यवसाय बड़ा हो या छोटा उसके अंदर काम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उस कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।  

मानसिक रूप से रहे शांत 

व्यवसाय शुरू करने के लिए जो कड़ी मनुष्य के लिए अहम भूमिका में रहती है, वह है उसका दृढ़ मन और शांत व्यवहार। जब कोई काम करने के बार में आप सोच लें तो, उसके लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लेना चाहिए। मन में यह ठान लेना चाहिए कि हम पूरी तैयारी के साथ इस क्षेत्र में उतरेंगे। यदि इसके बाद व्यवसाय में उतार-चढ़ाव आते हैं तो हम उसके लिए तैयार रहेंगे। हानि-लाभ व्यवसाय का एक रूप है इसके लिए मनुष्य को मानसिक रूप से सज्ज रहना चाहिए। कभी भी अपनी परेशानी को अपने व्यवहार में शामिल ना होने दें। यदि ऐसा होता है तो आपके मार्गदर्शन में काम करने वाले लोग मानसिक रूप से विचलित होंगे, जो व्यवसाय की व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए प्रयास करें कि खुद को मानसिक और व्यवहारिक रूप से शांत रखें। 

मनुष्य व्यवसाय शुरू तो कर देते हैं परन्तु जब मुश्किलों से उनका सामना होता है तो वह मैदान छोड़ कर भाग जाते हैं, जिसका हर्जाना केवल उन्हें नहीं उस कंपनी से जुड़े हर व्यक्ति को भरना पड़ता है। व्यवसाय बहुत सोच-विचार कर शुरू किये जाने वाला कार्य है, इसमें जल्दबाज़ी करना सही नहीं।